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वैदिक ज्योतिष में, चौघड़िया मुहूर्त एक महत्वपूर्ण काम शुरू करने के लिए शुभ समय पता लगाने कि एक ज्योतिषीय विधि है ताकि एक महत्वपूर्ण काम किसी भी समस्या के बिना पूरा किया जा सके। इन मुहूर्तो का प्रयोग बड़े पैमाने पर गुजरात और भारत के अन्य पश्चिमी राज्यों में यात्रा या पूजा के लिए शुभ समय पता करने के लिए उपयोग किया जाता है। इस विधि में, एक दिन के 24 घंटे को लगभग 16 समय खंडों अर्थात देड़ घंटे प्रत्येक (यानी, लगभग 3.75 घटी) में बांटा जाता है। इन प्रत्येक समय क्षेत्रों को 3.75 घाटी की अपनी अनुमानित अवधि के लिए एक चौघड़िया कहा जाता है। चौघड़िया के दो प्रकार के होते हैं- सूर्योदय से सूर्यास्त के बीच दिन चौघड़िया एवं सूर्यास्त से सूर्योदय के बीच रात चौघड़िया। ये चौघड़िया 7 प्रकार के होते हैं और प्रकृति में अच्छा या बुरा या मध्यम (तटस्थ) होते हैं जैसे- शुभ, लाभ और अमृत चौघड़िया जिन्हे शुभ मुहूर्त माना जाता है चल चौघड़िया को मध्यम (तटस्थ) मुहूर्त माना जाता है एवं उदवेग, रोग और काल चौघड़िया को अशुभ मुहूर्त के रूप में जाना जाता है।
अमृत
6:22-7:50
काल
7:50-9:17
शुभ
9:17-10:45
रोग
10:45-12:12
उदवेग
12:12-13:39
चर
13:39-15:7
लाभ
15:7-16:34
अमृत
16:34-18:2
चर
18:2-19:34
लाभ
19:34-21:7
अमृत
21:7-22:39
काल
22:39-24:12
शुभ
24:12-25:45
रोग
25:45-27:17
उदवेग
27:17-28:50
चर
28:50-30:22
सोमवार 1 मार्च 2021